Page 51 - AERB Annual Report 2020
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                  (ग)   कडनकलम - 1 व 2 क  आव यक  भार सम ी  जल  गया ह। ै
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                                                       ु
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                      शीतलन त  क  एक सर ा  न क  अनपल धता क  स तत दीघक  ािलक उ नयन इस  कार ह  –
                                                            े
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                      कारण तकनीक  िविनदश  से िवचलन क  माफ  का

                      आवेदन।                                   (क) भीषण दघटना  बधन काय  म को स ढ़ बनाना
                                                                                             ु
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                                                                             ु

                  (घ)   कडनकलम-1 व 2 म िव त आपित  त  म तथा  ाथिमक  (ख) हाइ ोजन  बधन  ावधान  को बढ़ाना      ं

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                                     े
                      ऊ मा िनकास त  क डपर िव त चबक  क  िनय ण
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                      योजना म सशोधन का   ताव।                  (ग) सरोधक िफ ट रत सवातन का  ावधान  तथा

                              ं
                                                                     ं
                                                                                  ं
                  (ड.)  अनािभक य  दाब  पा    क  िनरी ण आव यकताओ ं (घ)  थलीय आपातकाल सहायता क    क   थापना
                      ि वािषक शमन-2020 या 31 िदसबर 2020 तक  थिगत

                                              ं
                                                                                   ू
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                      करने क नरोरा सय  क   ताव क  समी ा।            इन  ावधान  को लाग करने क िलए अनसधान व िवकास
                                 ं
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                                                                           े ,

                                                                े
                                                               क  यास  िव षण  िव तत इजीिनयरी एव परी ण अहता
                                                                                                     /
                                                                                   ृ
                                                                                               ं
                                                                                      ं
                                                                                    ै
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                  नािभक य सिवधाओ क िन न पहलओ क  समी ा परी  ू   आिद  क   आव यकता  ह।  िविभ न   रए टर  िडज़ाइन
                           ु
                  क  गई :                                      (पीएचड  यआर ,बीड  यआर तथा पीड  यआर क िलए
                                                                                                      े
                                                                                                   )
                                                                        ू
                                                                                                ू
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                                                                                े
                                                               भीषण दघटना  बधन क िदशािनदश  का िवकास एईआरबी ने
                                                                            ं
                                                                        ु
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                  (क)   यसीआईएल, जादगड़ा व तरमडीह क भवन /सरचनाओ ं तकनीक  आधार क  समी ा तथा उ ह    वीकार करके  िकया।
                                                       ं
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                                                                                                     ै
                      का जीणन  बधन।                            इ ह  सभी  सय     ारा  अब  अपना  िलया  गया  ह।  अ य
                                ं
                                                                         ं ं
                                                               दीघकािलक उ नयन काय  से सबिधत अनसधान व िवकास   ,

                                                                                      ं ं
                                                                                              ु ं

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                  (ख)   ततीको रन क िवलायक िन कषण सय  का िडज़ाइन  इजीिनयरी  परी ण तथा अहत  ा काय  परे कर िलए गए ह   तथा
                                                                      ,
                        ू
                                                 ं ं
                                                                                           ू
                                                                ं
                      आधार बाढ़  तर।                            उ ह सय  म लाग करने का काय  जारी ह। इन सर ा उ नयन
                                                                                             ै

                                                                            ू
                                                                                                  ं
                                                                    ं ं
                                                                                             ै
                                                                   /
                                                               काय  उपाय  क  वत मान ि थित इस  कार ह -
                  (ग)    नािभक य ईधन का ले स, हदराबाद म नई बिहव धन तथा

                                          ै
                                   ं
                               ं
                                                         े
                      ईधन निलका सिवधा – त   ि या  थािपत करने क िलए  (क) हाइ ोजन  बधन  ावधान  का स ढ़ीकरण

                                 ु
                                                                              ं
                                                                                             ु
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                      सेवाकालीन िनरी ण तथा गणपव ा आ ासन मनअल।
                                         ु
                                                       ै ु
                                                                     भारत क दािबत भारी पानी  रए टर  क  हाइ ोजन  बधन
                                                                         े
                                                                                                        ं

                                          े
                  (घ)   भारी पानी सय , मणग   क क ीय िनय ण क  भवन  काय िविध  म   उपय   स या  म   िन े   उ  ेरक  पनस योजन
                               ं ं
                                                                                 ं
                                                                             ु
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                                                                                                    ु
                                                   ं


                                                                           ,
                      का भकपीय पनआकलन तथा अिवनाशी परी ण  रपोट।  यि या  लगाना   सरोधक  वातावरण  के   समागीकरण  का
                                                                    ं
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                                                                ावधान तथा िनि  य वा प वातावरण बनाए  रखना शािमल ह।
                                       े
                  (ड.)   यसीआईएल जादगड़ा क चरण-1 प छन बाध क  ऊचाई  उ  ेरक पनस योजन यि य   सबिधत य ीकरण व उपकरण  क  ,  ं ं  ं
                                                                              ु
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                                                                                           ै
                      बढ़ाना।                                    थापना काय   चािलत सय   म जारी ह। ये यि या कगा-  से

                                                                                 ं ं
                                                                                               ु
                                                                                                     ै ं
                                                                                     व


                                                               4 , नरोरा- 1 2, राज थान- 4 6 तथा तारापर- ु  3 म  थािपत


                                                                        व
                                       े
                  1.3.4   फकशीमा दघटना क प ात  चािलत नािभक य  कर दी गई ह।   राज थान-  म ास- व  काकरापार-  व   2,  1   2,  1 2,
                                    ु
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                                                                       3
                                                                         5
                        ऊजा सय   का सर ा आकलन                  राज थान-  व   तथा तारापर-  म इनक   थापना का काय  जारी
                                                                                  ु
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                                                               ह। ै
                                    े
                      फकशीमा दघटना क प ात िकए गए सर ा आकलन म
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                                                 ं
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                  पाया गया िक भारतीय सय   म बाहरी ख़तर  का सामना करने  (ख)   सरोधक िफ ट रत सवातन त  का  ावधान

                                                                                          ं
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                                   ं ं
                  क  अतिन िहत साम य  ह। परत िडज़ाइन आधार से पर क  िवरल
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                                  ै ं ु
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                  बाहरी घटनाओ क िलए  ितर ा को मजबत बनाने तथा भीषण   इन त   क  तकनीक  िवकास का काय  परा हो गया ह तथा
                                                                                                       ै
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                  दघटना  यनीकरण  मता को बढ़ाने क िलए कछ सर ा उ नयन  िव ेषण परी ण के  बाद त  क  िव तत इजीिनयरी को अितम
                                                 ु
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                                                                                  ं
                  काय  क  पहचान क  गई थी। इ ह अ पकालीन, म यमकालीन   प िदया गया। तारापर-1 व 2 (बीड  यआर) म   यह त  लगा

                                                                                            ू
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                  तथा दीघकालीन उपाय  / सर ा उ नयन काय  म बाटा गया था।  िदए गए ह।   म ास, तारापर-3 व 4 तथा काकरापार-1 व 2 म
                                                                                 ु
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                                     ं
                  इनम से अ पकािलक व म यमकािलक उपाय  का काय  परा हो  इनक   थापना जारी ह।ै

                                                         ू
                                                                                                            17
                                                                                                   े

                                                                                     एईआरबी वािषक  ितवदन 2020
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